राज्यसभा चुनाव में कांटे की टक्कर में भाजपा ने अपना दमखम दिखाते हुये लीं। सपा अपनी एक सीट पर जया बच्चन को जिताने में तो कामयाब रही, लेकिन सहयोगी बसपा के प्रत्याशी भीमराव अम्बेडकर को नहीं जिता पाई। चुनाव में भाजपा की चाक चौबंद रणनीति सपा, बसपा व कांग्रेस गठजोड़ की तैयारियों पर भारी पड़ी। इस तरह भाजपा के नौवें प्रत्याशी अनिल अग्रवाल चुनाव जीत गये। चुनाव में जहां दो वोट अवैध हुए वहीं विपक्षी दलों के आरोपों के कारण मतगणना कुछ देर स्थगित रही। भाजपा के सभी आठ अधिकृत प्रत्याशियों को पहले से तय 39-39 वोट मिले। जबकि नवें प्रत्याशी अनिल अग्रवाल और बसपा के भीमराव अंबेडकर के बीच कांटे का मुकाबला चलता रहा। शुरुआत में ही बसपा के भीमराव अंबेडकर को प्रथम वरीयता के 32 वोट मिल गए। जबकि भाजपा के अनिल अग्रवाल को पहली वरियता के मात्र 16 वोट मिले थे। हालांकि अम्बेडकर के पास द्वितीय वरीयता का केवल एक वोट था। जबकि भाजपा के अनिल अग्रवाल के पास द्वितीय वरीयता के वोटों की संख्या काफी अधिक थी। वहीं अन्य प्रत्याशियों के जीत के लिए जरूरी 37 वोट से अधिक वोट भी अंतिम प्रत्याशी के तौर पर अनिल अग्रवाल को ट्रांसफर होते गए। इस तरह भाजपा अपने नौवें प्रत्याशी को भी जिताने में सफल रही। वहीं सपा की अधिकृत प्रत्याशी जया बच्चन को 37 वोटों की ज़रूरत थी जबकि उन्हें कुल 38 वोट मिले। उन्होंने बिना किसी दबाव के जीत हासिल कर लिया। दो विधायकों के वोट को अवैध घोषित कर दिया गया। इस तरह कुल 398 मतों की ही गिनती की गई।
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