समय न्यूज़ 24 डेस्क
झारखंड हाइकोर्ट के तीन जुलाई के फैसले को गोड्डा सांसद डॉ निशिकांत दुबे ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. उन्होंने इसके लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर बाबा बैद्यनाथ मंदिर व बासुकिनाथ मंदिर आम श्रद्धालुओं के लिए खोलने और विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला के संचालन का आदेश देने की प्रार्थना की है. याचिका में डॉ निशिकांत दुबे ने केंद्र सरकार, गृह मंत्रालय, झारखंड के मुख्य सचिव, देवघर जिला प्रशासन और मंदिर प्रबंधन कमेटी को प्रतिवादी बनाया है. याचिका में कहा गया है कि श्रावणी मेले का आयोजन नहीं होना, आम लोगाें की आस्था व भावना के प्रतिकूल है. प्रसिद्ध तीर्थस्थल बाबा बैद्यनाथधाम का इतिहास रहा है कि जब से इस श्रावणी मेला की शुरुआत हुई है, कभी बंद नहीं हुआ. याचिका में कहा गया है कि पहले भी महामारी हुई थी, लेकिन मंदिर को आम श्रद्धालुओं के लिए कभी बंद नहीं किया गया. श्रावणी मेले का आयोजन भी स्थगित नहीं किया गया था. उम्मीद है कि उन्हें और लाखों शिव भक्तों को न्याय मिलेगा. याचिका में कहा गया है, देवघर स्थित बाबा बैद्यनाथ मंदिर को अब तक झारखंड सरकार ने आम श्रद्धालुओं व भक्तों के लिए नहीं खोला है. जबकि देश के अन्य राज्यों में सभी मंदिरों को खोल दिया गया है और शर्तों के साथ वहां दर्शन भी हो रहा है. लेकिन झारखंड की सरकार ने मंदिरों को लॉक कर रखा है और लाखों भक्तों की आस्था श्रावणी मेला के आयोजन को भी स्थगित कर दिया है. बता दें कि झारखंड हाइकोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के मद्देनजर इस वर्ष श्रावणी मेले का आयोजन नहीं हो पायेगा. कांवर यात्रा भी नहीं निकलेगी. ऐसे में बाबा बैद्यनाथधाम मंदिर में होनेवाली पूजा का लाइव प्रसारण की व्यवस्था किया जाये. सीएम हेमंत सोरेन ने भी कहा था कि लोगों की सेहत को देखते हुए इस वर्ष मंदिर नहीं खोला जा सकता है. देवघर के पंडा को ही पूजा करने की अनुमति दी गयी . कांवर यात्रा और मेला पर रोक लगा दिया गया
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